डीआडीओ (DRDO) द्वारा अग्नि-4 मिसाइल का सफल परीक्षण


भारत ने 6 सितंबर, 2024 को ओडिशा के चांदीपुर में इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) से अग्नि-4 इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (IRBM) का सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित की गई है। परीक्षण के दौरान, मिसाइल ने सभी तकनीकी और परिचालन मानकों को सफलतापूर्वक सत्यापित किया, जिससे भारत की रक्षा क्षमता में एक महत्वपूर्ण इजाफा हुआ है।

यह परीक्षण भारत की न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी (NCA) के अंतर्गत स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड (SFC) द्वारा किया गया। 20 मीटर लंबी अग्नि-4 मिसाइल 4,000 किलोमीटर तक के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है और इसकी पेलोड क्षमता 1,000 किलोग्राम है। इस मिसाइल को रोड-मोबाइल लॉन्चर से प्रक्षेपित किया जा सकता है, जिससे इसे किसी भी स्थान से त्वरित रूप से लॉन्च करना संभव हो जाता है। अग्नि-4 मिसाइल, जिसे पहले अग्नि-2 प्राइम के नाम से जाना जाता था, ने पहली बार 2012 में 3,000 किलोमीटर की दूरी को सफलतापूर्वक कवर किया था।

पृष्ठभूमि और विकास

अग्नि मिसाइल श्रृंखला भारत द्वारा विकसित स्वदेशी मिसाइल प्रौद्योगिकी का एक प्रमुख हिस्सा है, जिसे DRDO द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। इस श्रृंखला में अग्नि-1 से लेकर अग्नि-5 तक की मिसाइलें शामिल हैं, जो छोटी से लंबी दूरी तक के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम हैं। अग्नि-4 मिसाइल भारत की मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता का प्रतीक है। इससे भारत की रणनीतिक रक्षा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, जो खासकर परमाणु निरोधक शक्ति को मजबूती प्रदान करती है। अग्नि-5 मिसाइल, जो अग्नि श्रृंखला की अगली मिसाइल है, भारत की लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता को और अधिक बढ़ावा देती है।

रणनीतिक महत्व

अग्नि-4 का सफल परीक्षण भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूती देता है। 4,000 किलोमीटर की लंबी रेंज वाली यह मिसाइल भारत को व्यापक रणनीतिक क्षेत्र में सुरक्षा प्रदान करती है। इसका परीक्षण यह साबित करता है कि भारत ने परमाणु निरोधक क्षमता में महत्वपूर्ण प्रगति की है। भारत का यह प्रयास क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा को बनाए रखने के उद्देश्य से किया गया है, जिसमें यह मिसाइल भारत की आत्मरक्षा और अपनी संप्रभुता को मजबूत करने में सहायक है।

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तकनीकी विशेषताएँ और उपलब्धियाँ

अग्नि-4 की विशेषता यह है कि इसे रोड-मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च किया जा सकता है, जिसका मतलब है कि यह मिसाइल तेजी से तैनात और लॉन्च की जा सकती है। यह तकनीकी रूप से उन्नत है और इसकी पेलोड क्षमता इसे विभिन्न प्रकार के हथियारों को ले जाने में सक्षम बनाती है। यह विशेषताएँ इसे अन्य मिसाइलों से अलग बनाती हैं और इसे महत्वपूर्ण परिस्थितियों में इस्तेमाल करने के लिए उपयुक्त बनाती हैं।

अग्नि-4 की प्रमुख विशेषताएँ:

  • रेंज: 4,000 किलोमीटर तक।
  • पेलोड क्षमता: 1,000 किलोग्राम।
  • लॉन्चर: रोड-मोबाइल।
  • पहला परीक्षण: 2012 में सफलतापूर्वक 3,000 किलोमीटर की दूरी को कवर किया।

अग्नि-4 का सफल परीक्षण भारत की सैन्य और तकनीकी क्षमता में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होता है, जिससे यह देश की रणनीतिक और सुरक्षा स्थिति को और मजबूत करता है।

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