खोज का महत्व
हाल ही में, शोधकर्ताओं की एक टीम ने एंटार्कटिका के तट से अर्नौक्स की बेक्ड व्हेल्स (Arnoux’s Beaked Whales) का पता लगाया है। यह खोज बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इन व्हेल्स को दशकों से देखा नहीं गया था। यह दुर्लभ दृश्य 2022 में वेडेल सागर में एक सर्वेक्षण के दौरान हुआ, जहां वैज्ञानिक क्षेत्र के शीर्ष शिकारी जीवों का अध्ययन कर रहे थे।
खोज का विवरण
अपने अभियान के दौरान, शोधकर्ताओं ने क्षेत्र का सर्वेक्षण करने के लिए विमान का उपयोग किया और इन व्हेल्स के तीन अलग-अलग समूहों की तस्वीरें लीं। उन्हें समुद्री बर्फ के पास धीरे-धीरे तैरते हुए देखा गया, अक्सर सतह के ठीक नीचे या बर्फ के नीचे थोड़ी देर के लिए गोता लगाते हुए।
प्रजातियों का परिचय
अर्नौक्स की बेक्ड व्हेल्स लंबाई में 30 फीट तक बढ़ सकती हैं और अपनी गहरी रंगत के कारण वे डॉल्फ़िन के समान दिखती हैं। इन्हें उनकी अद्भुत गोताखोरी क्षमता के लिए जाना जाता है। वे एक घंटे से अधिक समय तक पानी के भीतर रह सकती हैं, और यही कारण है कि इन्हें शायद ही कभी देखा जाता है।
1988 से 2018 के बीच, वैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र में 11 यात्राएँ कीं, लेकिन किसी भी अर्नौक्स की बेक्ड व्हेल्स को नहीं देखा। यद्यपि कुछ अपुष्ट रिपोर्टें थीं, लेकिन उनके अस्तित्व के बारे में संदेह बना रहा क्योंकि कोई आधिकारिक अवलोकन नहीं थे।
देखे जाने की कठिनाइयाँ
अर्नौक्स की बेक्ड व्हेल्स को देखना मुश्किल होता है क्योंकि वे बहुत गहरे गोता लगाती हैं और लंबे समय तक पानी के भीतर रहती हैं। उनके गोताखोरी कौशल के कारण उन्हें जहाजों या विमानों से ढूंढना कठिन हो जाता है। उनकी यह विशेषता उन्हें देखे जाने से बचाने में मदद करती है, जिससे वैज्ञानिकों के लिए उनका अध्ययन करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
खोज के परिणाम
इन व्हेल्स की खोज से संकेत मिलता है कि वे पूरे वर्ष एंटार्कटिक जल में रह सकती हैं और उनकी संख्या पहले से अधिक हो सकती है। यह नई जानकारी आगे के शोध को प्रेरित करती है, विशेष रूप से उन उथले, बर्फीले क्षेत्रों में जहां वे फल-फूल सकती हैं।
अर्नौक्स की बेक्ड व्हेल्स के बारे में
अर्नौक्स की बेक्ड व्हेल्स की खोज 1851 में हुई थी और ये अधिकांशतः दक्षिणी गोलार्ध में पाई जाती हैं। ये 13 मीटर तक लंबी हो सकती हैं और इनमें लैंगिक द्विरूपता पाई जाती है, जिसमें नर व्हेल्स के स्पष्ट दांत होते हैं। ये 2,000 मीटर से अधिक गहराई तक गोता लगा सकती हैं और 90 मिनट तक अपनी सांस रोक सकती हैं। ये व्हेल्स मुख्य रूप से स्क्विड और गहरे समुद्र की मछलियाँ खाती हैं। इनकी आबादी के बारे में बहुत कम जानकारी है, इसलिए इन्हें ‘डेटा-डिफिशिएंट’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है। ये अक्सर इंसानों के संपर्क में नहीं आतीं और अध्ययन से बचती हैं।
यह खोज वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और अर्नौक्स की बेक्ड व्हेल्स के बारे में अधिक जानने का अवसर प्रदान करती है।