भारत ने 30-31 जुलाई 2024 को गुजरात के गांधीनगर स्थित राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) में कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव सेमिनार के दूसरे संस्करण की सफल मेजबानी की। इस बार सेमिनार का मुख्य विषय था “कानूनों, साइबर नीतियों और घटना शमन पर सूचना का आदान-प्रदान।” यह आयोजन भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय और एनएफएसयू के सहयोग से हुआ।
सेमिनार में सक्रिय अंतरराष्ट्रीय भागीदारी
इस महत्वपूर्ण आयोजन में कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव के सदस्य देशों – बांग्लादेश, भारत, मालदीव, मॉरीशस, सेशेल्स, श्रीलंका और कॉन्क्लेव के पर्यवेक्षक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसके अलावा, कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव सचिवालय के अधिकारी भी इसमें शामिल रहे। इस मंच ने सभी देशों को एक साथ लाकर साइबर सुरक्षा, घटना शमन, और उभरती तकनीकों के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया।
साइबर सुरक्षा: कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव का महत्वपूर्ण स्तंभ
साइबर सुरक्षा और प्रौद्योगिकी की सुरक्षा को कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव के महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक माना जाता है। इसमें मुख्य रूप से महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा, साइबर अपराधों का समाधान, घटना शमन और उभरती प्रौद्योगिकियों को सुरक्षित करने जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया।
सेमिनार का उद्देश्य इन देशों के बीच साइबर सुरक्षा नीतियों और साइबर खतरों से निपटने की रणनीतियों पर एक सहयोगात्मक और एकीकृत दृष्टिकोण विकसित करना था। इस सेमिनार ने साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में डिजिटल फोरेंसिक जांच, साइबर अपराधों से निपटने, और साइबर खुफिया जानकारी साझाकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।
चर्चा के मुख्य बिंदु और निष्कर्ष
इस सेमिनार में प्रतिभागियों ने अपने देशों के साइबर सुरक्षा परिदृश्य और तकनीकी चुनौतियों पर अपने-अपने अनुभव साझा किए। चर्चा में शामिल मुख्य बिंदु थे:
- साइबर सुरक्षा नीतियों और रणनीतियों का आदान-प्रदान।
- घटना प्रबंधन और शमन की तकनीकें।
- डिजिटल फोरेंसिक जांच और साइबर खुफिया जानकारी का साझा उपयोग।
- महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
इस सेमिनार ने कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव के सदस्य देशों को साइबर अपराधों से निपटने में नई तकनीकों और सहयोगात्मक दृष्टिकोणों पर विचार करने का अवसर दिया। साथ ही, प्रतिभागियों ने अपने देशों में मौजूद साइबर सुरक्षा खतरों और उनके समाधान पर चर्चा की।
सेमिनार का महत्व और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा
सेमिनार के समापन में इस बात पर जोर दिया गया कि साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अधिक सहयोग बढ़ाने और एक व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। यह सहमति बनी कि साइबर सुरक्षा के तहत न केवल राष्ट्रीय बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा को भी मजबूत करना जरूरी है। इस प्रकार, यह सेमिनार कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बना जहां सभी सदस्य देशों ने साझा हितों की रक्षा और क्षेत्रीय सुरक्षा को और मजबूत करने का संकल्प लिया।
सेमिनार का आयोजन साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में हो रहे नवीनतम विकास और चुनौतियों को समझने और उनके समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए किया गया था। सेमिनार में चर्चा किए गए मुद्दों ने यह भी उजागर किया कि साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भविष्य में किस प्रकार के सहयोग और तकनीकी प्रगति की आवश्यकता होगी, ताकि सभी देशों का साइबरस्पेस अधिक सुरक्षित और लचीला बन सके।
आगे की दिशा:
इस सेमिनार ने एक समावेशी और सहयोगात्मक दृष्टिकोण विकसित करने पर जोर दिया, ताकि सदस्य और पर्यवेक्षक देश एक साथ मिलकर साइबर अपराधों का मुकाबला कर सकें और साइबर सुरक्षा उपायों को और प्रभावी बना सकें।