भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने हाल ही में ज़ोरावर लाइट टैंक का सफल परीक्षण किया है। यह टैंक विशेष रूप से उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह सफलता भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह टैंक पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है।
उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए विशेष डिज़ाइन
ज़ोरावर लाइट टैंक को उन क्षेत्रों में उपयोग के लिए विकसित किया गया है जहां सामान्य टैंक या भारी सैन्य वाहन ऑपरेट नहीं कर सकते। यह टैंक अत्यधिक हल्का है, जिससे इसे दुर्गम पहाड़ी इलाकों और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आसानी से तैनात किया जा सकता है। भारतीय सेना के लिए यह टैंक रणनीतिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है, विशेषकर भारत के उत्तरी क्षेत्रों में जहां ऊंचाई वाले क्षेत्रों में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया आवश्यक होती है।
स्वदेशी रक्षा उत्पादन में एक और सफलता
ज़ोरावर टैंक के सफल परीक्षण से यह स्पष्ट हो जाता है कि भारत अब अपने रक्षा उपकरणों के निर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत यह टैंक विकसित किया गया है, जो भारतीय सेना की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। इस तरह की स्वदेशी तकनीक से भारतीय सेना की क्षमता में बड़ा सुधार होगा और रक्षा उपकरणों पर विदेशी निर्भरता कम होगी।
तकनीकी विशेषताएं
ज़ोरावर टैंक में अत्याधुनिक उपकरण लगे हैं, जो इसे उच्च ऊंचाई पर भी प्रभावी बनाते हैं। यह टैंक हल्का, तेज़ और अत्यधिक सटीकता के साथ अपने लक्ष्यों को भेद सकता है। इसके अलावा, इसमें नवीनतम संचार और नियंत्रण प्रणाली भी लगी है, जो युद्ध के मैदान में सेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
ज़ोरावर लाइट टैंक का सफल परीक्षण भारत के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है, जो भारतीय सेना की युद्धक क्षमताओं को और मजबूत बनाएगा।