इलेक्ट्रिक वाहनों की पीएम ई-ड्राइव योजना

भारत सरकार ने एक नई योजना ‘प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवॉल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट’ (PM ई-ड्राइव) शुरू की है, जो FAME II योजना का स्थान लेती है। FAME II योजना मार्च 2024 में समाप्त हो गई थी। पीएम ई-ड्राइव योजना का मुख्य उद्देश्य पूरे देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के उपयोग को बढ़ावा देना है। हालांकि इस योजना का बजट पहले की योजना से छोटा है, फिर भी इसका उद्देश्य भारत में EVs को सामान्य बनाना है।

पीएम ई-ड्राइव योजना का प्रमुख उद्देश्य

पीएम ई-ड्राइव योजना योजना का संचालन भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। सरकार ने इस योजना के लिए 10,900 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है, जो अगले दो साल तक चलेगी। यह योजना मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों (जैसे इलेक्ट्रिक स्कूटर, बाइक, और ऑटो-रिक्शा) पर केंद्रित है, लेकिन इसमें इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड चार-पहिया वाहन शामिल नहीं हैं।

सब्सिडी और सहायता

PM ई-ड्राइव योजना के तहत निम्नलिखित वाहनों पर वित्तीय सहायता दी जाएगी:

  • इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहन
  • इलेक्ट्रिक ट्रक और बसें
  • इलेक्ट्रिक एंबुलेंस

इसके अलावा, इस योजना के तहत पूरे भारत में 88,500 चार्जिंग स्टेशनों का नेटवर्क बनाया जाएगा, जिससे लोग अपने EVs को आसानी से चार्ज कर सकें।

इलेक्ट्रिक बसों पर जोर

सरकार 14,028 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने के लिए राज्य परिवहन इकाइयों और सार्वजनिक एजेंसियों को मदद करेगी, जिसके लिए 4,391 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।

तेज चार्जिंग का ढांचा

पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत चार्जिंग ढांचे का भी विस्तार होगा:

  • 22,100 चार्जर इलेक्ट्रिक चार-पहिया वाहनों के लिए
  • 1,800 चार्जर इलेक्ट्रिक बसों के लिए
  • 48,400 चार्जर इलेक्ट्रिक दो-पहिया और तिपहिया वाहनों के लिए

इससे EV अपनाने में तेजी आएगी और चार्जिंग की चिंता कम होगी।

उद्योग की प्रतिक्रिया

भारतीय ऑटो उद्योग ने इस योजना का स्वागत किया है। ओला और महिंद्रा ग्रुप जैसी बड़ी कंपनियों के नेताओं ने इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया है, जिससे EVs का विस्तार तेज होगा।

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