महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल ने गुरुवार को अडानी ग्रुप और इज़राइली कंपनी टॉवर सेमीकंडक्टर के बीच साझेदारी में मुंबई के पनवेल में सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन यूनिट स्थापित करने की मंजूरी दी। इस परियोजना में लगभग ₹83,947 करोड़ (10 अरब डॉलर) का निवेश किया जाएगा।
दो चरणों में विकसित होगी फैब्रिकेशन यूनिट
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर बताया कि यह यूनिट केंद्र सरकार की इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) से मंजूरी प्राप्त करने के बाद दो चरणों में विकसित की जाएगी। पहले चरण में ₹58,763 करोड़ का निवेश होगा, जिसमें प्रति माह 40,000 सेमीकंडक्टर वेफर्स का उत्पादन किया जाएगा। दूसरे चरण में ₹25,184 करोड़ के निवेश से उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 80,000 वेफर्स प्रति माह किया जाएगा।
रोजगार और औद्योगिक विकास
देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि इस परियोजना से 5,000 से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां सृजित होंगी। यह यूनिट महाराष्ट्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (MIDC) तलोजा औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित की जाएगी, जो पहले से ही कई उद्योगों और फर्मों का केंद्र है।
भारत का दूसरा फैब्रिकेशन प्रोजेक्ट
यह यूनिट भारत का दूसरा सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्रोजेक्ट होगी। इससे पहले, फरवरी 2024 में टाटा के धोलेरा प्लांट को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी थी। यदि यह परियोजना ISM के तहत स्वीकृत होती है, तो यह छठी सेमीकंडक्टर यूनिट होगी। इस सप्ताह की शुरुआत में केंद्र ने गुजरात के सानंद में केन्स सेमीकॉन की यूनिट को मंजूरी दी थी।
सेमीकंडक्टर क्षेत्र में तेजी
केंद्र सरकार ने 2 सितंबर को बताया कि चार सेमीकंडक्टर यूनिट्स का निर्माण तेजी से हो रहा है, जिससे एक मजबूत सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र उभर रहा है। इन चारों यूनिट्स में लगभग ₹1.5 ट्रिलियन का निवेश किया जा रहा है, और इनकी कुल क्षमता प्रतिदिन 70 मिलियन चिप्स का उत्पादन करने की है।