स्थायी व्यापार सूचकांक 2024 (Sustainable Trade Index 2024)

स्थायी व्यापार सूचकांक 2024: एक विस्तृत अवलोकन

स्थायी व्यापार सूचकांक 2024 (Sustainable Trade Index 2024) वैश्विक व्यापारिक गतिविधियों और स्थायी प्रथाओं का आकलन करने वाला एक महत्वपूर्ण उपकरण है। इसे Hinrich Foundation और IMD द्वारा विकसित किया गया है। यह सूचकांक देशों को उनकी आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय नीतियों के आधार पर रैंक करता है। इस सूचकांक का उद्देश्य उन देशों की पहचान करना है, जो स्थायी व्यापार को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।

स्थायी व्यापार सूचकांक का महत्व

स्थायी व्यापार सूचकांक न केवल आर्थिक प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है, बल्कि यह यह भी देखता है कि व्यापारिक गतिविधियां समाज और पर्यावरण पर कैसे प्रभाव डाल रही हैं। यह सूचकांक तीन प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है:

  1. आर्थिक वृद्धि: यह मापता है कि कोई देश अपने आर्थिक संसाधनों का कितना प्रभावी उपयोग कर रहा है।
  2. सामाजिक प्रगति: यह श्रमिक अधिकार, स्वास्थ्य, और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में प्रगति का आकलन करता है।
  3. पर्यावरणीय स्थिरता: यह हरित प्रौद्योगिकी, संसाधन दक्षता और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देता है।

2024 में शीर्ष देश

2024 के लिए स्थायी व्यापार सूचकांक में न्यूजीलैंड ने लगातार तीसरे वर्ष पहला स्थान प्राप्त किया है। यह देश अपनी मजबूत आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय नीतियों के कारण इस स्थान पर कायम है। यूनाइटेड किंगडम ने दूसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, और जापान भी शीर्ष 5 में शामिल हैं।भारत इस सूची में 23वें स्थान पर है। यह रैंकिंग संकेत देती है कि भारत को पर्यावरणीय और सामाजिक स्थिरता के क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता है।
शीर्ष 10 देश और उनकी रैंकिंग:

  1. न्यूजीलैंड
  2. यूनाइटेड किंगडम
  3. ऑस्ट्रेलिया
  4. सिंगापुर
  5. जापान
  6. दक्षिण कोरिया
  7. हांगकांग
  8. कनाडा
  9. ताइवान
  10. संयुक्त राज्य अमेरिका

भारत का प्रदर्शन

स्थायी व्यापार सूचकांक में भारत का प्रदर्शन मिश्रित रहा। भारत इस सूचकांक में 23वें स्थान पर है

  • आर्थिक क्षेत्र: भारत का प्रदर्शन संतोषजनक है, लेकिन सुधार की संभावना है।
  • पर्यावरणीय स्थिरता: इस क्षेत्र में भारत को अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। हरित प्रौद्योगिकी और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को अपनाने में तेजी लाना आवश्यक है।
  • सामाजिक प्रगति: स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्रों में सुधार के साथ भारत की स्थिति मजबूत हो सकती है।
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स्थायी व्यापार सूचकांक के लाभ

  1. आधुनिक नीतियों को बढ़ावा: यह सूचकांक देशों को उनकी कमजोरियों की पहचान करने और नीतिगत सुधार लाने में मदद करता है।
  2. हरित अर्थव्यवस्था: यह रिपोर्ट देशों को हरित प्रथाओं को अपनाने और उन्हें व्यापार का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित करती है।
  3. वैश्विक व्यापार प्रतिस्पर्धा: यह सूचकांक देशों को वैश्विक व्यापार में प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करता है।

निष्कर्ष

स्थायी व्यापार सूचकांक 2024 उन देशों की प्रगति को मापने का एक प्रभावी साधन है, जो आर्थिक विकास के साथ-साथ सामाजिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देते हैं। भारत जैसे विकासशील देश इस सूचकांक का उपयोग अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने और वैश्विक व्यापार में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए कर सकते हैं।


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