भारत इटली व्यापक सहयोग योजना

भारत और इटली के बीच पांच वर्षीय सहयोग योजना

भारत और इटली ने अगले पांच वर्षों के लिए एक भारत इटली व्यापक सहयोग योजना (Comprehensive Collaboration Plan) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह महत्वपूर्ण समझौता 18 नवंबर को ब्राजील में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) के दौरान हुआ। इस पहल का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रक्षा (Defence), प्रौद्योगिकी (Technology), अंतरिक्ष अनुसंधान (Space Research), और आर्थिक साझेदारी (Economic Partnership) को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने इस समझौते को अंतिम रूप दिया, जो दोनों देशों के लिए रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

रक्षा क्षेत्र में सहयोग (Defence Collaboration) – भारत इटली व्यापक सहयोग योजना

भारत और इटली ने रक्षा क्षेत्र (Defence Sector) में सहयोग को प्राथमिकता दी है।

  • रक्षा मंत्रालयों की साझेदारी (Defence Ministries Partnership): दोनों देशों के रक्षा मंत्रालय मिलकर काम करेंगे और रक्षा सहयोग को और अधिक संरचनात्मक रूप देंगे।
  • औद्योगिक संगठनों का योगदान (Industrial Collaboration): रक्षा उद्योग के संगठनों (Defence Industry Organisations) के साथ साझेदारी होगी, जो आधुनिक रक्षा उपकरणों (Defence Equipment) के सह-उत्पादन (Co-Production) और सह-विकास (Co-Development) को बढ़ावा देगी।
  • गोपनीयता और सुरक्षा (Confidentiality and Security): रक्षा क्षेत्र में गोपनीय सूचनाओं (Classified Information) की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
  • सैन्य आदान-प्रदान (Military Exchange): हाल ही में अक्टूबर में आयोजित नौसेना अभ्यास (Naval Exercise) इस बात का प्रमाण है कि सैन्य आदान-प्रदान (Military Collaboration) को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा रहा है।
    यह सहयोग न केवल दोनों देशों की सुरक्षा (National Security) को मजबूत करेगा, बल्कि रक्षा उद्योग में नवाचार (Innovation) को भी बढ़ावा देगा।

समुद्री क्षेत्र में सहयोग (Maritime Collaboration)

समुद्री सहयोग (Maritime Cooperation) को बढ़ावा देने के लिए भारत और इटली ने कई पहल की हैं।

  • समुद्री प्रदूषण का समाधान (Sea Pollution Mitigation): समुद्र में बढ़ते प्रदूषण (Marine Pollution) को कम करने के लिए संयुक्त प्रयास किए जाएंगे।
  • सामूहिक खोज और बचाव अभियान (Joint Search and Rescue Missions): दोनों देश समुद्री सुरक्षा (Maritime Safety) और पर्यावरण संरक्षण (Environmental Protection) के लिए संयुक्त खोज और बचाव अभियानों (Search and Rescue Operations) का संचालन करेंगे।
    यह साझेदारी समुद्री क्षेत्र में स्थिरता (Maritime Stability) और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी।
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आर्थिक साझेदारी (Economic Partnership)

भारत और इटली भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (India-Middle East-Europe Economic Corridor – IMEEC) के तहत अपने आर्थिक संबंधों (Economic Relations) को और मजबूत करेंगे।

  • औद्योगिक साझेदारी (Industrial Partnerships): ऑटोमोटिव (Automotive) और सेमीकंडक्टर्स (Semiconductors) जैसे क्षेत्रों में औद्योगिक साझेदारी की जाएगी।
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर और विनिर्माण (Infrastructure and Manufacturing): बुनियादी ढांचे (Infrastructure) और निर्माण (Manufacturing) के क्षेत्र में निवेश और सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
  • व्यापारिक संबंधों का विस्तार (Trade Connectivity Expansion): यह आर्थिक गलियारा व्यापारिक कनेक्टिविटी (Trade Connectivity) को बढ़ावा देगा और भारत और यूरोप (India and Europe) के बीच आर्थिक सहयोग को नई दिशा देगा।

प्रौद्योगिकी और नवाचार (Technology and Innovation)

दोनों देश प्रौद्योगिकी (Technology) के क्षेत्र में भी अपने संबंधों को मजबूत करेंगे।

  • सह-उत्पादन और सह-विकास (Co-Production and Co-Development): रक्षा उपकरणों (Defence Equipment) के सह-उत्पादन और सह-विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
  • नवाचार और कुशलता (Innovation and Efficiency): इस साझेदारी का उद्देश्य प्रौद्योगिकी में नवाचार और कुशलता को बढ़ावा देना है।
    यह पहल दोनों देशों की तकनीकी क्षमताओं (Technical Capabilities) को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।

अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग (Space Cooperation)

भारत का ISRO (Indian Space Research Organisation) और इटली का ASI (Italian Space Agency) अंतरिक्ष अनुसंधान (Space Research) में अपने संबंधों को गहरा करेंगे।

  • पृथ्वी अवलोकन और सौर भौतिकी (Earth Observation and Heliophysics): दोनों देश पृथ्वी अवलोकन और सौर भौतिकी पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
  • चंद्रमा अन्वेषण (Lunar Exploration): वैज्ञानिक खोजों (Scientific Discoveries) को बढ़ावा देने के लिए चंद्रमा अन्वेषण को प्राथमिकता दी जाएगी।
    यह साझेदारी अंतरिक्ष विज्ञान (Space Science) में नए आयाम स्थापित करेगी।

प्रवास और कार्यबल विकास (Migration and Workforce Development)

भारत और इटली ने कुशल श्रमिकों के कानूनी प्रवास (Legal Migration of Skilled Workers) को समर्थन देने का निर्णय लिया है।

  • स्वास्थ्य पेशेवरों का प्रशिक्षण (Training of Health Professionals): भारतीय स्वास्थ्य पेशेवरों (Indian Health Professionals) को इटली में रोजगार (Employment in Italy) के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
  • अवैध प्रवासन के मुद्दों का समाधान (Addressing Illegal Migration): दोनों देश अवैध प्रवासन (Illegal Migration) से संबंधित मुद्दों का समाधान करने के लिए संयुक्त प्रयास करेंगे।
    भारत इटली व्यापक सहयोग योजना के अंतर्गत यह पहल दोनों देशों के बीच मानव संसाधन विकास (Human Resource Development) को और मजबूत करेगी।
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परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य (Important Facts for Exams)

  1. IMEEC (India-Middle East-Europe Economic Corridor): यह भारत और यूरोप के बीच व्यापारिक कनेक्टिविटी (Trade Connectivity) को बढ़ावा देता है।
  2. ISRO (Indian Space Research Organisation): यह भारत की प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसी (Space Agency) है, जिसने सैटेलाइट प्रक्षेपण (Satellite Launch) और चंद्र अन्वेषण (Lunar Exploration) में बड़ी सफलता हासिल की है।
  3. ASI (Italian Space Agency): यह अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत का प्रमुख सहयोगी है।
  4. G20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit): यह 19 देशों और यूरोपीय संघ (European Union) का प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मंच (International Forum) है, जहां आर्थिक स्थिरता (Economic Stability) और सतत विकास (Sustainable Development) पर चर्चा होती है।

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