कर्नाटक राज्य में हाल के दिनों में डेंगू के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। डेंगू, एक वेक्टर जनित रोग, मच्छरों के कारण फैलता है और यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो यह घातक हो सकता है। इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए, सिद्दरमैया सरकार ने डेंगू को ‘महामारी रोग’ घोषित कर दिया है। सरकार ने इस संदर्भ में कई कड़े कदम उठाए हैं और नए नियम लागू किए हैं ताकि इस महामारी को रोका जा सके।
डेंगू से निपटने के लिए नए नियम और दंड
कर्नाटक सरकार ने महामारी रोग विनियमन 2020 में संशोधन करते हुए डेंगू के प्रसार को रोकने के लिए कड़े नियम लागू किए हैं। इन नियमों के तहत, जो लोग मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए आवश्यक उपाय नहीं करते हैं, उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।
- घरेलू इमारतें: शहरी क्षेत्रों में घरेलू इमारतों के लिए 400 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 200 रुपये का जुर्माना निर्धारित किया गया है।
- वाणिज्यिक स्थल: वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए शहरी क्षेत्रों में 1,000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
- निर्माण स्थल: सक्रिय निर्माण क्षेत्रों के मालिकों को शहरी इलाकों में 2,000 रुपये और ग्रामीण इलाकों में 1,000 रुपये का जुर्माना देना होगा।
सरकार का यह कदम नागरिकों को जागरूक करने और मच्छरों के प्रजनन स्थलों को खत्म करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
डेंगू और अन्य मौसमी बीमारियाँ से संबंधित तथ्य
डेंगू वायरस और वाहक (Carrier)
- वायरस का नाम: डेंगू वायरस (DENV)
- परिवार: फ्लेविविरिडी (Flaviviridae)
- वाहक (Carrier): डेंगू वायरस का प्रसार मादा एडीज मच्छरों (Aedes mosquitoes) द्वारा होता है, जिनमें एडीज एजिप्टी (Aedes aegypti) और एडीज एल्बोपिक्टस (Aedes albopictus) प्रमुख हैं। ये मच्छर दिन के समय, खासकर सुबह और शाम को अधिक सक्रिय होते हैं।
डेंगू के लक्षण
- उच्च बुखार
- सिरदर्द
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
- त्वचा पर लाल चकत्ते
- आंखों के पीछे दर्द
अन्य मौसमी बीमारियाँ
मलेरिया:
- परजीवी (Parasite): प्लास्मोडियम (Plasmodium)
- वाहक: मादा एनोफिलीज मच्छर (Anopheles mosquito)
- लक्षण: बुखार, ठंड लगना, पसीना, मांसपेशियों में दर्द, थकान
चिकनगुनिया:
- वायरस का नाम: चिकनगुनिया वायरस
- वाहक: एडीज मच्छर (Aedes mosquitoes)
- लक्षण: बुखार, जोड़ों में गंभीर दर्द, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते
टाइफाइड (Typhoid):
- बैक्टीरिया का नाम: सैल्मोनेला टाइफी (Salmonella typhi)
- संक्रमण स्रोत: दूषित पानी और खाद्य पदार्थ
- लक्षण: लगातार बुखार, पेट में दर्द, सिरदर्द, थकान, दस्त या कब्ज
वायरल फीवर:
- कारण: विभिन्न प्रकार के वायरस
- संक्रमण स्रोत: वायुजनित संक्रमण, दूषित पानी या खाद्य पदार्थ
- लक्षण: बुखार, गले में खराश, खांसी, मांसपेशियों में दर्द, थकान
स्वाइन फ्लू (H1N1 इन्फ्लुएंजा):
- वायरस का नाम: H1N1 वायरस
- संक्रमण स्रोत: संक्रमित व्यक्ति से निकट संपर्क
- लक्षण: बुखार, खांसी, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द, थकान, सांस लेने में कठिनाई
कर्नाटक से जुड़े महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान (GK) बिंदु
- कर्नाटक के वर्तमान मुख्यमंत्री सिद्दरमैया हैं, जिन्होंने 2023 में मुख्यमंत्री का पदभार संभाला है। राज्यपाल थावर चंद गहलोत हैं, जो राज्य के संवैधानिक प्रमुख के रूप में कार्य करते हैं।
- राजधानी: बेंगलुरु (भारत की सिलिकॉन वैली के रूप में प्रसिद्ध)
- राज्य की भाषा: कन्नड़ (यह कर्नाटक की आधिकारिक भाषा है और राज्य की संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है)
- प्रमुख नदियाँ: कावेरी, तुंगभद्रा, कृष्णा
लोकप्रिय पर्यटन स्थल:
- मैसूर पैलेस: भारत के सबसे भव्य महलों में से एक।
- हम्पी: एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, जो अपने ऐतिहासिक मंदिरों और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।
- कूर्ग: एक पहाड़ी स्टेशन जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और कॉफी बागानों के लिए जाना जाता है।
- गोकार्ण: समुद्र तट और शिव मंदिरों के लिए प्रसिद्ध धार्मिक स्थल।
- कृषि उत्पाद: चावल, रागी, गन्ना, नारियल, और कॉफी।
- शैक्षिक संस्थान: बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) जैसे प्रतिष्ठित संस्थान।
कर्नाटक के जैवमंडल रिजर्व, राष्ट्रीय उद्यान और विश्व धरोहर स्थल
कर्नाटक अपनी प्राकृतिक सुंदरता, जैव विविधता, और ऐतिहासिक महत्व के लिए भी जाना जाता है। यहाँ के कुछ महत्वपूर्ण जैवमंडल रिजर्व, राष्ट्रीय उद्यान, और विश्व धरोहर स्थल निम्नलिखित हैं:
जैवमंडल रिजर्व (Biosphere Reserves):
- नीलगिरि जैवमंडल रिजर्व: यह कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में फैला हुआ है और इसे यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त है। यह क्षेत्र अपने समृद्ध वन्यजीवन और वनस्पतियों के लिए प्रसिद्ध है।
- पश्चिमी घाट (Western Ghats): यह भी एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, जो जैव विविधता से भरपूर है। कर्नाटक के पश्चिमी घाट क्षेत्र में कई दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
राष्ट्रीय उद्यान (National Parks):
- बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान: यह कर्नाटक का सबसे प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान है, जो टाइगर रिजर्व के रूप में भी जाना जाता है।
- नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान: यह उद्यान भी बाघों के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है और यह बांदीपुर के साथ जुड़ा हुआ है।
- कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान: यह अपने हरे-भरे पहाड़ियों और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है।
- अनशी राष्ट्रीय उद्यान: यह पश्चिमी घाट में स्थित है और दुर्लभ वन्यजीव प्रजातियों का घर है।
विश्व धरोहर स्थल (Heritage Sites):
- हम्पी: विजयनगर साम्राज्य की राजधानी, हम्पी, अपने ऐतिहासिक मंदिरों और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।
- पट्टाडकल: यह एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, जो अपनी मंदिर वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।
- श्रीरंगपट्टन: यह स्थल अपने ऐतिहासिक महत्व और वास्तुकला के लिए जाना जाता है।