केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 18,036 करोड़ की मुम्बई-इंदौर रेलवे लाइन को मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मुंबई और इंदौर के बीच 309 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना की अनुमानित लागत ₹18,036 करोड़ है, और इसे वित्तीय वर्ष 2028-29 तक पूरा करने की योजना है।

परियोजना के उद्देश्य

इस नई रेलवे लाइन का मुख्य उद्देश्य मुंबई और इंदौर के बीच परिवहन को बेहतर बनाना है, जिससे दोनों महत्वपूर्ण शहरों के बीच सबसे सीधा और कुशल मार्ग तैयार किया जा सके। इसके साथ ही, यह रेलवे लाइन महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के उन क्षेत्रों को जोड़ने का काम करेगी, जहां वर्तमान में रेलवे की पहुंच सीमित है या नहीं है।

प्रमुख विशेषताएँ

  • नए स्टेशन: इस परियोजना के तहत मार्ग पर 30 नए रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। ये स्टेशन विशेष रूप से बड़वानी जिले में पहुंच को बेहतर बनाएंगे, जिसे एक “आकांक्षी” जिला माना जाता है और जिसे अधिक विकास की आवश्यकता है।
  • गाँवों से कनेक्टिविटी: यह रेलवे लाइन लगभग 1,000 गाँवों को जोड़ेगी, जिससे लगभग 30 लाख लोगों को बेहतर परिवहन विकल्प मिलेंगे।

आर्थिक प्रभाव

नई रेलवे लाइन से विभिन्न वस्तुओं के परिवहन को और अधिक सुगम और कुशल बनाया जा सकेगा। इसमें कृषि उत्पाद, उर्वरक, कंटेनर, लौह अयस्क, इस्पात और सीमेंट जैसी वस्तुएं शामिल हैं। इस बेहतर परिवहन से वार्षिक माल ढुलाई में लगभग 26 मिलियन टन की वृद्धि की संभावना है, जो इस क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी।

यह रेलवे लाइन सीधे पिथमपुर ऑटो क्लस्टर से भी जुड़ेगी, जो एक औद्योगिक क्षेत्र है और जहां बड़े उद्यमों के साथ-साथ कई छोटे और मध्यम उद्यम भी स्थित हैं। इस कनेक्शन से इन व्यवसायों के लिए अपने उत्पादों को परिवहन करना आसान हो जाएगा, जिससे आर्थिक विकास को और गति मिलेगी।

कृषि महत्व

यह नई रेलवे लाइन मध्य प्रदेश के बाजरा-उत्पादक जिलों और महाराष्ट्र के प्याज-उत्पादक जिलों के किसानों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होगी। इससे इन फसलों के उत्तर और दक्षिण भारत के बाजारों में वितरण को सुगम बनाया जा सकेगा, जिससे उनकी त्वरित और कुशल डिलीवरी सुनिश्चित हो सकेगी।

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पर्यटन को बढ़ावा

यह रेलवे लाइन उज्जैन-इंदौर क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। इससे श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों पर अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी, जो भारत के सबसे पूजनीय मंदिरों में से एक है।

पीएम-गतिशक्ति योजना के तहत पहल

यह रेलवे परियोजना पीएम-गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सड़कों, रेलवे और बंदरगाहों जैसे विभिन्न परिवहन मोड्स के बीच कनेक्टिविटी को सुधारना है। इस योजना का लक्ष्य पूरे देश में लोगों, वस्तुओं और सेवाओं के संचलन के लिए एक सुगम नेटवर्क तैयार करना है, जिससे विकास को सुव्यवस्थित और कुशल तरीके से आगे बढ़ाया जा सके।

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